क्या आपने सूर्यग्रहण देखने की तैयारी कर ली है?
पूरा देश बुधवार को पौ-फटते ही एक खास खगोलीय घटना में इक्कीसवीं सदी का सबसे लंबी अवधि का खग्रास (पूर्ण) सूर्यग्रहण देखेगा। राजस्थान में सूर्योदय से ही आंशिक ग्रहण नजर आएगा, जो सुबह 6.24 बजे मध्य काल को छुएगा।
नासा के मुताबिक 22 जुलाई को होने वाला सूर्यग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। चंद्रमा की छाया सूर्य को भारत से ढकना शुरू करेगी और यह नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, चीन से गुजरते हुए पसिफिक ओशन में खत्म होगा। इसकी शुरुआत सुबह 5:30 बजे से होगी जो ज्यादातर इलाकों में 7:30 बजे तक रहेगा। पूर्ण सूर्यग्रहण 6.26 से 6.30 तक, करीब चार मिनट दिखेगा। इस दौरान सूर्य बिल्कुल भी नहीं दिखाई देगा।
पौराणिक और वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण को सीधे हानिकारक है। पढ़े-लिखे होने में और शिक्षित होने में पीतल और सोने जैसा फर्क होता है। निजी समाचार चैनलों का अधिकांशतः समय ज्योतिषियों के साथ भाग्य बताने या केवल सूर्य ग्रहण का वीडियो दिखाने में अपना अधिकांश समय खर्च किया न के नयी पीढ़ी को उसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझाने में। सूर्ख् ग्रहण के सम्बन्ध में काफी भ्रान्तियाँ है। किन्तु आज के दौर में उन भ्रन्तियों को नजर अंदाज किया जा रहा है।
सूर्यग्रहण एक कुदरती जादू है, इंसानी सभ्यता की शुरुआत से आज तक हम सूर्यग्रहण को अलग-अलग नजरियों से देखते आए हैं और 22 जुलाई का दिवस भी ऐसा ही एक मौका है। इंसान ने अपने हुनर से काफी चीज़ों को पर नियंत्रण पाने में सफलता पाई है, या कम से कम उसे ऐसा लगता है। इसलिए जब-जब कोई ऐसी कुदरती घटना घटती है जो इंसान को उसकी तुच्छता का अहसास कराती तो उसकी हैरानी छिपाए नहीं छिपती। तमाम अंधविश्वासों और वैज्ञानिक स्पष्टीकरणों के बीच यह एक त्योहार जैसा है।
जहां दिल्ली से भी कई लोग सूर्यग्रहण देखने उन इलाकों में जाने की योजना बना रहे हैं वहीं विदेशी पर्यटक भी इसके लिए खिंचे चले आए हैं। कई ट्रैवल एजंसियों ने खास इसके नाम पर पैकेज तैयार किए हैं। कुछ लोगों ने तो एक साल पहले से इसकी तैयारी कर ली थी। मॉनसून को देखते हुए यह भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं बादल सूर्यग्रहण देखने का मजा खराब न कर दें। लेकिन कुछ लोग मौसम को मात देते हुए बादलों के पार जाकर हवाई जहाज से इसे देखने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए कॉक्स ऐंड किंग्स ने हिस्टॉरिक इक्लिप्स फ्लाइट की तैयारी की है। चार्टर्ड फ्लाइट में बादलों के ऊपर जाकर सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा। यह तीन घंटे की उड़ान होगी।
इसके बाद पूर्ण सूर्यग्रहण देखने का अगला मौका 25 साल बाद ही मिलेगा। 6 मिनट 39 सेकंड लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण फिर 13 जून 2132 तक नहीं दिखाई देगा। 22 जुलाई को भारत के कई हिस्सों में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई देगा। सेंचुरी के सबसे लंबे पूर्ण सूर्यग्रहण को देखने के लिए लोगों में जबर्दस्त उत्साह है। जिन जगहों में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखने वाला है वहां भारत से ही नहीं बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन से भी सैलानी आ रहे हैं।
आंशिक सूर्यग्रहण या आंशिक तौर पर पूर्ण सूर्यग्रहण या बादलों से ढके सूर्यग्रहण को बिना सही उपकरणों के देखना कभी सुरक्षित नहीं होता है। यहां तक कि सूर्य निन्यानवे प्रतिशत भी अगर चंद्रमा से ढका हो तब भी नहीं। क्योंकि तब भी सूर्य का दिख रहा एक प्रतिशत इतना तीव्र होता है कि रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है।
- नंगी आंखों से सूर्यग्रहण देखना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
- आंशिक सूर्यग्रहण और बादल लगे होने पर भी नंगी आंखों ने देखना खतरनाक है।
- सौर्य विकिरण से आँखों पर असर पड़ सकता है। इससे देखने की क्षमता कुछ समय के लिए या हमेशा के लिए जा सकती है।
- खास तरह के फिल्टर लेंस से ही सूर्यग्रहण देखना चाहिए।
- किसी छोटे छेद से किसी पर्दे पर सूर्य की इमेज बनाकर प्रोजेक्शन के जरिए उसे देखा जा सकता है।
- पानी या आइने में सूर्यग्रहण को देखना भी उतना ही खतरनाक होता है जितना कि सीधे देखना।
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