मुझे शिकायत है उन हिंदी लेखकों से जो अपने सामान्य लेखन में हिंगलिश [ हिंदी + इंग्लिश (अंग्रेजी)] भाषा का उपयोग करतें हैं| यदि यह आप की शैली है अथवा आप किसी संवाद को उल्लेखित कर रहे है तो ठीक है वरन यह अत्यंत आपत्तिजनक है | यह हिंदी भाषा को गंभीरता से न लेते हुए उसके अपमान सा लगता है |
यह सत्य है की हिंदी भाषा का प्रयोग कुछ कठिन अवश्य है और इसका टंकण भी कुछ आसान नहीं| मेरे जैसे पाठकों के लिए हिंदी लेखों का पाठन अत्यंत रुचिकर होता है परन्तु बीच बीच में उदृत अंग्रेजी भाषा का प्रयोग (फॉरएग्जाम्पल, आई मीन, व्हाट, हाईपर्टेन्शन) उसे अपनी मिटटी से जोड़े रखने में अक्षम कर देता है|
बातचीत करते समय तो यह शैली हमारे रोम रोम में समा चुकी है, उम्मीद करता हूँ लेखन में हम इसे कुछ कम कर पाने में सफल होंगे|
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