by रोहित शर्मा | Aug 9, 2009 | सीधा दिल से
वैसे तो हमारा यह जीवन किसी रंग मंच से कम नहीं| हम निरंतर अपने जीवन काल में अभिनय ही करते रहतें हैं| रंग मंच से मुझे शुरू से ही लगाव रहा है परन्तु सिर्फ एक दर्शक की हैसियत से| डॉक्टर और मरीज़ अतिलघु नाटिका एक छोटा सा प्रयास उस दीर्घा को लांघने का| आपका आंकलन आपेक्षित...
by रोहित शर्मा | Jul 26, 2009 | सीधा दिल से
मुझे शिकायत है उन हिंदी लेखकों से जो अपने सामान्य लेखन में हिंगलिश [ हिंदी + इंग्लिश (अंग्रेजी)] भाषा का उपयोग करतें हैं| यदि यह आप की शैली है अथवा आप किसी संवाद को उल्लेखित कर रहे है तो ठीक है वरन यह अत्यंत आपत्तिजनक है | यह हिंदी भाषा को गंभीरता से न लेते हुए उसके...
by रोहित शर्मा | Jul 22, 2009 | सीधा दिल से
सभी दिनों की तरह कल शाम ऑफिस से घर लौटते समय घर जल्दी पहुँचने की ललक में कलरव क्रूजित सड़क पर गाड़ियों की भीड़ को चीरते हुए मैं अपने दुपहिया पर तेज़ी से ज्यों ही मैं आगे बढ़ता जा रहा था.. यकायक मैंने पाया के एक लाल रंग की कार शायद मेरे आगे निकलने से विचलित हो उठी है और...
by रोहित शर्मा | Jul 21, 2009 | सीधा दिल से
क्या आपने सूर्यग्रहण देखने की तैयारी कर ली है? पूरा देश बुधवार को पौ-फटते ही एक खास खगोलीय घटना में इक्कीसवीं सदी का सबसे लंबी अवधि का खग्रास (पूर्ण) सूर्यग्रहण देखेगा। राजस्थान में सूर्योदय से ही आंशिक ग्रहण नजर आएगा, जो सुबह 6.24 बजे मध्य काल को छुएगा। नासा के...
by रोहित शर्मा | Jul 19, 2009 | सीधा दिल से
अगर तूफ़ान में ज़िद है … वह रुकेगा नही तो मुझे भी रोकने का नशा चढा है । देख लेगे तुम्हारी जिद या मेरा नशा … किसमे कितना दम है । तुम्हारी जिद से मेरा सितारा डूबने वाला नही । हम दमकते साए है । असर तो जरुर...